राधा जन्माष्टमी 2022 : भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को राधा जी का जन्म हुआ था इसलिए यह दिन राधा जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। पद्म पुराण के अनुसार राधा जी राजा ब्रज भानु की पुत्री थी वह इनकी माता का नाम कीर्ति था। श्री कृष्ण जन्माष्टमी के 15 दिन बाद राधा अष्टमी का पर्व मनाया जाता है।
राधा जन्माष्टमी 2022 तिथि :-
4 सितंबर 2022 दिन रविवार को राधा अष्टमी का त्यौहार देश भर में मनाया जाएगा।
अष्टमी तिथि प्रारंभ :- 3 सितंबर 2022 दिन शनिवार को दोपहर 12:25 पर अष्टमी तिथि शुरू होगी व 4 सितंबर 2022 दिन रविवार को सुबह 10:40 पर समाप्त होगी। राधा जन्माष्टमी व्रत एवं पूजन विधि
1. प्रातः काल सुबह जल्दी उठकर के नहा धोकर के साफ व नए वस्त्र पहन कर तैयार हो जाएं।2. राधा रानी की सोने या किसी धातु की मूर्ति घर ले आए।
3. पूजा स्थल को शुद्ध कर ले गंगाजल छिड़क करके।
फिर वहां पर एक लकड़ी की चौकी रखें उस पर लाल वस्त्र बिछा लें।
4. एक तांबे या चांदी का बर्तन ले ले उसमें राधा रानी जी की मूर्ति रखें वह उसे पंचामृत से स्नान कराएं।
5. स्नान कराने के बाद सुंदर वस्त्र आभूषण इत्र लगा कर के मूर्ति को सजा ले। 6. फिर इस मूर्ति को उस चौकी पर स्थापित कर दें। ध्यान रहे साथ में कृष्ण जी की भी मूर्ति को स्थापित करना है।
7. इसके बाद विभिन्न प्रकार से फल फूल रोली मिठाई धूप दीप आदि से विधिवत पूजन करें।
8. इस दिन राधा कृष्ण मंदिर अवश्य जाएं वह वहां पर ध्वजा पताका मिष्ठान मुरली इत्यादि चढ़ाकर उनका आशीर्वाद अवश्य ग्रहण करें। राधा रानी की स्तुति करें। ऐसा करने से आप लोगों के ऊपर मां लक्ष्मी की कृपा होगी।
दिनभर उपवास रखें।
अगले दिन सुबह नहा धोकर के ब्राह्मणों को कुछ दान दक्षिणा देकर के उपवास को खोले|
नोट :-भारत देश में कई जगहों पर अलग-अलग मान्यताएं होती हैं अतः आप जिस जगह पर हैं वहां की मान्यता के अनुसार पूजन करें या अपने घर की मान्यता के अनुसार पूजन करें। धन्यवाद
इस व्रत व पूजन को करने के लाभ :-
जो भी व्यक्ति इस व्रत को करता है उसके ऊपर मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है अतः दांपत्य जीवन में प्रेम मधुरता हमेशा बना रहता है।
राधाष्टमी के दिन करें इन मंत्रों का जाप
राधाष्टमी के दिन यदि राधा रानी की पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना की जाए और कुछ विशेष मंत्रों का जाप किया जाए इतो भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और कष्टों का निवारण होता है। आइए जानते हैं कौन से हैं राधा रानी को प्रसन्न करने के मंत्र
कृष्ण अष्टाक्षरीमंत्र
मंत्रैर्बहुभिर्विन्श्वर्फलैरायाससाधयैर्मखै: किंचिल्लेपविधानमात्रविफलै: संसारदु:खावहै।
एक: सन्तपि सर्वमंत्रफलदो लोपादिदोषोंझित:, श्रीकृष्ण शरणं ममेति परमो मन्त्रोड्यमष्टाक्षर।।
अष्टाक्षरी मंत्र
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार राधाष्टमी की पूजा राधा रानी के इस आठ अक्षरों के मंत्र के साथ आरंभ करें। इस मंत्र का जाप करने के बाद खीर अर्पित करके हवं करें। ऐसा करने सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और विशेष फल की प्राप्ति होती है।
ओम ह्रीं श्रीराधिकायै नम:।
ओम ह्रीं श्री राधिकायै नम:।
सप्ताक्षर मंत्र
यदि आपको धन संबंधी समस्या है तो राधा अष्टमी के दिन राधा रानी के इस सप्ताक्षर मंत्र का सवा लाख बार जप करें।
ओम ह्रीं राधिकायै नम:।
ओम ह्रीं श्रीराधायै स्वाहा।
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